सुपौल। सर्वजन दवा सेवन अभियान: गृह भ्रमण कर आशा कार्यकर्त्ता लाभुकों को करायेंगी गोलियों का सेवन

🔼अभियान को सफल बनाने के लिए आशा कार्यकर्त्ताओं के साथ बैठक।

🔼क्यूलेस मच्छड़ों के काटने से होता है फाइलेरिया।

सुपौल। फाइलेरिया मुक्ति के लिए जिले में 20 सितम्बर से सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया  जाना है। जिसके तहत आशा कार्यकर्त्ता गृहभ्रमण कर लोगों को फाइलेरिया मुक्ति के लिए दवाओं का सेवन करना सुनिश्चित करेंगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में कार्यरत आशा कार्यकर्त्ताओं के साथ प्रखंड स्तर पर प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरकों के साथ बैठक अयोजित की गयी। इस अभियान का अयोजन पहले ही किया जाना था किन्तु वैश्विक महामारी कोरोना के कारण इस अभियान को स्थगित रखा गया था, जो सितम्बर माह में आयोजित किया जा रहा है।

🔼गृह भ्रमण कर आशा कार्यकर्त्ता लाभुकों  को  करायेंगी गोलियों का सेवन-

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा.  मिहिर वर्मा ने बताया इस अभियान के दौरान आशा कार्यकर्त्ता  घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया  मुक्ति के लिए दवा खिलायेंगी। इस क्रम में कोविड नियमों का भी पालन किया जाना आवश्यक है। इसके लिए आशा कार्यकर्त्ता  लाभुकों  को कटोरे में दवा देंगी एवं अपने सामने  दवा का सेवा कराना सुनिश्चित करेंगी। एक दिन इस प्रकार आशा कार्यकर्त्ता चालीस से अधिक गृह भ्रमण कर लोगों को फाइलेरिया  मुक्ति की दवा का सेवन करा पायेंगी। इस गृह भ्रमण के दौरान किसी कारणवश छूट गये घरों के लोगों को फाइलेरिया  मुक्ति की दवा का सेवन सुनिश्चित कराने के लिए आशा कार्यकर्त्ता दुबारा  वहां जाकर उन्हें दवा खिलाना सुनिश्चित करेंगी। इस अभियान की आशातीत सफलता के लिए प्रचार प्रसार के उपायों के साथ लोगों को जागरूक किया जा रहा है। 

🔼क्यूलेस मच्छड़ों के काटने से होता है फाइलेरिया -

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. मिहिर वर्मा ने बताया फाइलेरिया  जिसे आम भाषा में लोग हाथीपांव भी कहते हैं, क्यूलेस मच्छर  के काटने से होता है। बरसात के मौसम में खासकर मच्छर  का प्रकोप सभी क्षेत्रों में बढ़ जाता है। इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए इस दवा का सेवन करना जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि साल में मात्र एक बार इस दवा के सेवन से लोग फाइलेरिया  बीमारी से ग्रसित होने से बच सकते हैं। इससे होने वाली विकलांगता के कारण लोगों के पैरों में स्थायी सूजन, अंडकोष की थैली में सूजन आदि हो जाता है, जिससे उनकी  कार्यक्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है। 

🔼दवा की खुराक उम्र के हिसाब से है निर्धारित-

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. मिहिर वर्मा ने दवा का सेवन करने संबंधी जानकारी साझा करते हुए बताया फाइलेरिया  मुक्ति के लिए लोगों को दी जा रही दवा दो प्रकार की है। एक डीईसी एवं दूसरा अलबेंडाजोल जो लाभुकों को उनके उम्र के हिसाब से दी जानी है। 2 से 5 साल तक के बच्चों को 100 मिलीग्राम की डीईसी एवं 400 मिलीग्राम की अलबेंडाजोल की एक-एक गोली, 6 से 14 साल तक के किशोरों को डीईसी की दो एवं अ बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी की तीन गोलियां एवं अ लबेंडाजोल की एक गोली खिलायी जानी है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उक्त सभी खुराक किसी लाभुक  को खाली पेट नहीं खिलाना है।

रिपोर्ट : डेस्क दैनिक आजतक।

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