यूपीएससी की परीक्षा में खाड़ा के रोहन ने मारी बाजी,रक्षा मंत्रालय में देंगे योगदान
🌑 गुदरी के लाल की कहावत साबित कर दिखाया रोहन ने।
रिपोर्ट: डेस्क दैनिक आजतक।
बिहार के मधेपुरा जिला अन्तर्गत उदाकिशुनगंज प्रखंड के खाड़ा पंचायत वार्ड नंबर-8 निवासी स्व.बीम झा का ज्येष्ठ पुत्र सुबोध झा का कनिष्ठ पुत्र रोहन कुमार झा ने यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की डीजीएक्यूए (डायरेक्टर जनरल ऑफ एरोनॉटिकल क्वालिटी एस्योरेंस डिपार्टमेंट) की परीक्षा में बाजी मारी है। मिल रही जानकारी से रोहन रक्षा मंत्रालय के अधीन बनने वाले विमान के साथ ही सेना के स्वनिर्मित उपकरणों की क्वालिटी जांच करेंगे।
⚫️ यदि छात्र ठान लें तो कोई परीक्षा कठिन नहीं होता,हासिल कर सकते हैं सफलता:-
बताते चलें कि रोहन के पिता सुबोध झा बिहार के एक गरीब किसान परिवार से संबंध रखते हैं। उन्होंने गरीबी की हालात में अपनी पढ़ाई बिहार से पूरी की थी। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण और परिवार के सदस्यों का बोझ को देखते हुए वो टाटा (झारखंड) में प्राइवेट ट्रांसपोर्ट में मैनेजर का कार्य कर परिवार का भरण-पोषण करने लगे। अपने दो पुत्र और एक पुत्री की पढ़ाई भी उन्होंने टाटा के छोटा गोविंदपुर से ही संपन्न कराया।
🌑 रोहन के अध्ययन व कार्य पर एक नजर :-
रोहन की दसवीं की पढ़ाई केपीएस वर्मामाइंस से तथा बारहवीं की पढ़ाई काशीडीह हाई स्कूल से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने बीआईटी सिंदरी से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग किया। इसके पश्चात 2021 में टाटा स्टील ज्वाइन किया। कार्य करते हुए पढ़ाई जारी रखा और अब रक्षा मंत्रालय में योगदान देंगे।
⚫️छात्रों को सफल होने के लिए पढ़ाई के प्रति ईमानदार होना आवश्यक:-
कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों...। इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज प्रखंड अंतर्गत खाड़ा पंचायत के मूल निवासी रोहन कुमार झा ने।
बताते चलें कि कुछ दिन पहले यूपीएससी ने परीक्षाफल जारी किया है। संघ लोक सेवा आयोग की प्रतियोगिता परीक्षा डीजीएक्यूए (डायरेक्टर जनरल ऑफ एरोनॉटिकल क्वालिटी एस्योरेंस डिपार्टमेंट) में मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज प्रखंड अंतर्गत खाड़ा गांव निवासी सुबोध कुमार झा का कनिष्ठ पुत्र रोहन ने बाजी मार गांव, प्रखंड , जिला सहित बिहार का नाम रौशन किया है।
🔼 रोहन टाटा स्टील में कार्य करते हुए परीक्षा में मारी बाजी:--
कुछ छात्र कहते हैं कि बच्चे को पढ़ाई के बाद जॉब नहीं मिल रहा है। खाड़ा गांव का छात्र रोहन की बात करें तो जॉब उसके पीछे घूमता नजर आ रहा है। जहाँ अधिकतर छात्र छोटे-छोटे प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने का रोना रोते हैं, वहीं रोहन ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर ये साबित कर दिखाया कि मेधावी छात्र मेहनत से असंभव को संभव कर लेते हैं।
🔼पिता को सफलता का मुख्य श्रेय माना:--
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मान्यवर पाठकमित्र,
आपके द्वारा संवाद को पढ़ना हमें बेहतर लगा।
आपका दैनिक आजतक (वेब मीडिया) में हम स्वागत करते हैंं।
सी.के.झा
प्रधान संपादक
दैनिक आजतक