जिले में 20 सितम्बर से चलेगा सर्वजन दवा सेवन अभियान

 🔼सर्वजन दवा सेवन अभियान की सफलता के लिए बैठक।

🔼दिव्यांगजनों में सबसे अधिक दिव्यांगता का कारण फाइलेरिया।

🔼लोगों को दवा खाना किया जाएगा सुनिश्चित।

सुपौल। जिले में 20 सितम्बर से सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाना है। जिसकी सफलता के लिए उप विकास आयुक्त मुकेश कुमार की अध्यक्षता में टीसीपी भवन, सुपौल में जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें सिविल सर्जन डा. इन्द्रजीत कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. मिहिर वर्मा, केयर इंडिया के डीटीओ नासरीन बानो, पीसीआई के एसएमसी सुरजीत कुमार सिंह, वकिल यादव, बलराम कुमार शर्मा सहित अन्य पदाधिकारीगण मौजूद रहे।

🔼दिव्यांगजनों में सबसे अधिक दिव्यांगता का कारण फाइलेरिया--

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. मिहिर कुमार वर्मा ने बैठक में चर्चा करते हुए दवा सेवन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा एक स्वस्थ्य आदमी को जब यह दवा खिलाने कोई भी जाते हैं तो उनका पहला प्रश्न यह रहता है कि वह तो स्वस्थ्य हैं तो दवा क्यों खायें? ऐसें में उन्हें यह समझाना आवश्यक है कि यह दवा एक स्वस्थ्य व्यक्ति को भविष्य में होने वाले फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचाने के लिए खिलायी जा रही ताकि वह आगे भी स्वस्थ्य रह सकें। इस बीमारी से होने वाली विकलांगता उनकी कार्यक्षमता को बुरी तरह प्रभावित करती है। आंकड़ों की मानें तो दिव्यांगजनों में सबसे अधिक दिव्यांगता इसी बीमारी के कारण है। सरकार द्वारा इस बीमारी से लोगों को बचाने के लिए ही सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जा रहा है। इसकी सफलता के लिए आवश्यक है कि दो वर्ष से उपर के सभी स्वस्थ्य लोग, गर्भवती एवं गंभीर रोगों से ग्रसितों को छोड़कर, इस दवा का सेवन करें। 

🔼लोगों को दवा खाना खिलाना किया जाएगा सुनिश्चित--

इस बैठक को संबोधित करते हुए केयर इंडिया के डीपीओ नासरीन बानो ने बताया फाइलेरिया जिसे हम आम भाषा में हाथी पांव भी कहते हैं एक गंभीर बीमारी है। यह मच्छरों के बार-बार काटने से होता है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों में इसके लक्षण बहुत बाद में दिखते हैं, तब तक यह बीमारी लाइलाज हो चुकी होती है। ऐसे में लोगों को फाइलेरिया से मुक्ति के लिए प्रत्येक साल स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इसकी रोक थाम के लिए दवा खिलायी जाती है। इससे पहले के कार्यक्रम में लोगों को यह दवा वितरित कर दी जाती थी। लेकिन इस वर्ष यह दवा लोगों को अपने सामने खिलानी है। 


ऐसे में काफी जरूरी है कि लोगों के बीच इस रोग के प्रति जागरूकता फैलायी जाय। जिले में इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था पीसीआई से एसएमसी सुरजीत कुमार, वकील यादव, बलराम यादव केयर इंडिया के कार्यकर्ता सहित आईसीडीएस की अंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका तथा आशा कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रचार प्रसार के माध्यमों का उपयोग करते हुए जन-जन में जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है।

🔼ध्यान रखने योग्य जानकारी--

⚫️खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है।

⚫️दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खाना जरूरी है।

⚫️एल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाई जानी है।

⚫️फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।

⚫️सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।


मालूम हो कि फाइलेरिया का दवा सेवन करने के बाद सामान्य साइड इफेक्ट्स होने से घबड़ाने की आवश्यकता नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं लेकिन ये साइड इफेक्ट्स सामान्य होते हैं जो प्राथमिक उपचार के बाद ठीक हो जाते हैं।

रिपोर्ट : डेस्क दैनिक आजतक।

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