असामयिक वर्षा और हवा ने तोड़ी किसानों की कमर, किसानों ने की फसल क्षति मुआवजे की मांग

 उदाकिशुनगंज। 

वैसे ही देश-विदेश सहित विश्व में कोरोना ने लाखों लोगों की जान ली,रोजगार को भी छिना, मंहगाई बढ़ा दी है। इसके साथ ही तीन दिनों से हो रही लगातार असामयिक भारी बारिश तो  किसानों के लिए आफत सी बन गई । 

बताते चलें कि बिहार के अधिकांस क्षेत्र सहित मधेपुरा जिला के  उदाकिशुनगंज प्रखंड के पश्चिमी पंचायत खाड़ा, बुधामा, नयानगर, शाहजादपुर सहित अन्य दर्जनों पंचायत के किसान को सोमवार शाम से हो रही लगातार असामयिक बारिश के कारण धान,आलू,प्याज,टमाटर, बैगन,गोवी के आदि लगे फसल सहित अन्य फसल के लिए तैयार खेत तक को पानी ने डूबो कर आर्थिक क्षति पहुँचा कर कमर तोड़ दी है।

बारिश व तेज हवा से धान के फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। अधिकांश धान की फसल खेतों में बिछ सी गई है। सैंकड़ो  किसानों ने धान फसल नुकसान का आकलन कर सरकार से मुआवजे की मांग की है। जानकारी अनुसार खाड़ा के आसपास दर्जनों गांव सहित प्रखंड के अन्य कई गांवों के किसानों के लिए लगातार तेज हवा और मूसलाधार बारिश आफत बन गई। अगतियार (पसले) बोई गई धान की फसल कटाई के बाद सूखने के लिए खेतों में ही पड़ी थी जो बरसात के पानी में डूब गई है। उन धान में अंकुरित होने की संभावना उत्पन्न हो गई है। 

इधर खाड़ा के किसान पूर्व मुखिया सुनील कुमार सिंह, जवाहर मिश्रा,राकेश रंजन,विनीत सिंह, नंदकिशोर सिंह,इंद्रदेव सिंह,पूर्व सरपंच ललित नारायण राम, अशोक मेहता, जनार्दन मेहता,योगेन्द्र मेहता,कैलाश मंडल,लीलाधर झा,कैलाश मेहता,चन्देश्वरी मुखिया,कमलेश सिंह,हीरा सिंह,दीपक ठाकुर,रमण झा आदि सहित निवर्तमान मुखिया ध्रुव कुमार ठाकुर ने बताया कि अगर जल्द धूप नहीं निकली तो कटे हुए धान अंकुरित हो जाएगा। जहां धान के अंकुरित होने से फसल बर्बाद होगा। दूसरी ओर प्रखंड  क्षेत्र अन्तर्गत सैकड़ों एकड़ में लगी धान जिसमें वाली निकल रहा था तेज हवा के झोंके व बारिश के कारण धाराशायी हो गई अभी भी मौसम खराब ही है। इससे पैदावार पर व्यापक असर पड़ने के आसार दिख रहे हैं। जानकार किसानों की माने तो गिरे हुए धान फसलों के दाने अब चुकट जाएंगे। इस बाबत किसानों ने बताया कि इन दिनों अधिकांश धान पौधों में वजन बढ़ गया है और हवा चलने से सैंकड़ो एकड़ में लगे फसल गिर गये हैं। किसानों के मुताबिक वैसे तो पानी धान की फसल के लिए खूब फायदेमंद होता है, लेकिन तेज आंधी और असामयिक बारिश ने किसानों को नुकसान पहुंचा दिया है। इनलोंगो का कहना है कि धान की करीब 40 से 60  प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है। साथ ही खेतों में पानी जमा हो जाने के चलते अगली गेहूं, मकई और तेलहनी फसल की बुआई में अब देरी होगी ।

इधर पंचायत के पैक्स अध्यक्ष कमलेश झा, मुखिया उम्मीदवार ध्रुव कुमार ठाकुर, रघुनंदन मिश्र, संतोष भारती,जितेन्द्र पंडित, जिप सदस्य उम्मीदवार अरविंद सिंह, जिप सदस्य डेजी देवी,अशोक सिंह,उमाप्रसाद सिंह,मंजय प्रसाद सिंह,शिवदत्त झा पिंकू आदि ने कहा कि गांवों में लगभग 85 से 90 प्रतिशत लोगों की आजीविका का साधन खेती-बाड़ी है। किसान अधिकांश भू भागों में धान की खेती नकदी फसल के रूप में करते हैं। लेकिन असामयिक वर्षा ने धान फसल को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। इनलोगों ने जिला प्रशासन से समय से धान फसल नुकसान का आकलन करवाकर किसानों को फसल क्षति मुआवजे देने की मांग की है।

रिपोर्ट : पुष्पम कुमार।

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