अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर बुजुर्गों की हुई स्वास्थ्य जांच
🔼1 से 7 अक्टूबर तक मनाया जाएगा बुजुर्ग सप्ताह।
🔼वृद्धजनों के लिए अलग से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई।
सहरसा। सदर अस्पताल सहरसा में शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार ने बताया कि 1 से 7 अक्टूबर तक अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध सप्ताह जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वृद्धावस्था में शरीर कमजोर होने के कारण कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो जाता है। ऐसे में परिवार के मुख्य सदस्यों को बुजुर्ग सदस्यों की अच्छे ढंग से देखभाल करनी चाहिए। शरीर में सामान्यतः मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गठिया, याददास्त में कमजोरी, हृदय रोग, आंख से कम दिखाई पड़ना, कान से कम सुनाई पड़ना जैसे रोगों से ग्रसित होने की संभावना बुढ़ापा में बढ़ जाती है। ऐसे में वृद्ध लोगों की सुरक्षा व जाँच के लिए 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में वृद्धों को निःशुल्क स्वास्थ्य जांच व परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले के सभी अनुमंडल व रेफरल अस्पताल, सामुदायिक-प्राथमिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ-साथ सदर अस्पताल में भी वृद्धों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जाएंगी।
🔼वृद्धजनों के लिए अलग से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई--
सिविल सर्जन डा . अवधेश कुमार ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के मौके पर सदर अस्पताल सहरसा में वृद्धजनों के लिए अलग से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। जिसमें मधुमेह, उच्य रक्तचाप, गठिया, हृदय आदि रोगों से ग्रसित लोगों की स्वास्थ्य जाँच की गई।
उन्होंने बताया कि वृद्ध नागरिकों को समय समय पर आँख, नाक, कान, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गठिया, हृदय, आदि की जाँच करानी चाहिए ताकि वे लोग बीमारी के कारण होने वाले खतरों से बच सकें। उन्होंने बताया कि सभी लोगों को मानसिक तनाव से बचना चाहिए, सुगर, बीपी जैसी बीमारियों की दवाओँ का नियमित सेवन करना चाहिए। सुबह शाम हल्का व्यायाम, योग, करते रहना चाहिए, टहलना चाहिए इससे शरीर में अनेक रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है तथा उन्होंने कहा कि सभी लोगों को सन्तुलित आहार, मौसमी फलों, ताजे, हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। अच्छे ढंग से पूरी नींद लेनी चाहिए। किसी तरह की व्यर्थ चिंता, असन्तुलित खानपान से बचना चाहिए।
🔼उच्च रक्तचाप के लक्षण--
सिविल सर्जन डा.अवधेश कुमार ने बताया उच्च रक्तचाप- के लक्षणों में चिड़चिड़ापन, घबराहट, सिरदर्द, चक्कर आना, मितली आना, आवाज व दृष्टि में परिवर्तन और नींद न आना आदि हैं।
🔼मधुमेह रोग और लक्षण--
जबकि जब किसी व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोज या शर्करा की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है तो उसे मधुमेह रोग कहा जाता है। जिसके लक्षणों में हाथ पैर में सुन्नपन, अधिक प्यास लगना, वजन का कम होना, अधिक भूख लगना, थकान-कमजोरी आना, अधिक बार पेशाब आना, घाव भरने में अधिक समय लगना आदि हैं।
🔼बचाव कैसे करें ?
इससे बचने के लिए शरीर में ज्यादा चर्बी, अधिक कोलेस्ट्राल, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अत्यंत चिंता से बचें। धूम्रपान, मदिरापान, वसा एवं चिकनाई युक्त भोजन से परहेज करें। नियमित व्यायाम, आधे घंटे तक टहलना, नियमित दिनचर्या का पालन, संतुलित भोजन, प्रतिदिन छह से सात घंटे तक की निद्रा और आराम जरूर करें।
रिपोर्ट : डेस्क दैनिक आजतक।
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सी.के.झा
प्रधान संपादक
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