सहरसा। देश में हुई प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना की शुरूआत

- विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े सिविल सर्जन एवं स्वास्थ्य अधिकारी।

- स्वास्थ्य सेवाओं में आएगा व्यापक सुधार।

- किया जाएगा अतिआधुनिक पारिस्थितिक तंत्र विकास।

- एकीकृत स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास पर रहेगा जोर।

सहरसा। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी द्वारा आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना का शुभारंभ बीते 25 अक्टूबर को किया गया। जिसके माध्यम से देश के स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार द्वारा 64180 करोड़ रूपये खर्च किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के माध्यम से देश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान की जारी स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक स्तर पर सुधार संभव होने पायेगा।

स्वास्थ्य सेवाओं में आएगा व्यापक सुधार-

प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर स्वस्थ्य भारत योजना की शुरूआत में विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से भाग ले चुके सिविल सर्जन डा. अवधेश कुमार ने बताया भारत सरकार द्वारा चलाया गया यह अभियान काफी महत्वपूर्ण अभियान होगा। इसके माध्यम से बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक सुधार देश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों मे संभव हो पायेगा। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री के इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे, बीमारियों की निगरानी और स्वास्थ्य संस्थानों का सुद्धढ़ीकरण प्रमुख है।

उन्होंने बताया इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए चार स्तरीय रणनीति बनायी गई है। जिसके तहत स्वच्छ भारत अभियान, योग, गर्भवती महिलाओं, बच्चों की समय पर देखभाल एवं उपचार सहित बीमारियों की रोकथाम एवं स्वास्थ्य कल्याण को प्रोत्साहित करना है। इस अभियान के माध्यम से देश के वंचित वर्ग के लोगों को सस्ता और प्रभावी इलाज उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की गुणवत्ता को बढ़ाना, बाधाओं को दूर करने के लिए मिशन मोड पर काम करना आदि भी शामिल किया गया है।

किया जाएगा अतिआधुनिक पारिस्थितिक तंत्र विकास-

सिविल सर्जन डा. अवधेश कुमार ने कहा प्रधामंत्री द्वारा आरंभ किये गये इस योजना का उद्देश्य देश के सूदूर हिस्सों में यानि अंतिम मील तक प्राथमिक, माध्यमिक एवं तृतीयक देखभाल वाली स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमता विकसित करने की है। इस अभियान के माध्यम से देश में ही अनुसंधान, परीक्षण एवं उपचार के लिए अतिआधुनिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जाएगा। यह योजना केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इसके लिए 64,180 करोड़ रूपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है। जिसकी अवधि 6 वषर् निर्धारित की गई है।

एकीकृत स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास पर रहेगा जोर-

सिविल सर्जन डा. अवधेश कुमार ने इस अभियान के लक्ष्यों को रेखांकित करते हुए बताया इस योजना का लक्ष्य 17788 ग्रामीण तथा 11024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्रों को विकास के लिए समथर्न प्रदान करना तथा सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं की स्थापना एवं 11 राज्यों में 3382 ब्लाॅक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना करना भी है। 

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) तथा इसकी 5 क्षेत्रीयों शाखाओं एवं 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को मजबूत करना है।

रिपोर्ट : डेस्क दैनिक आजतक।

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