मधेपुरा। खाड़ा पंचायत के सुखासिनी गांव में 45 से उपर के 2 लोगों को लगे कोविड के टीके और 7 ने करवाया ऐंटीजन टेस्ट
उदाकिशुनगंज(मधेपुरा)।
लंबी-लंबी बातों और केवल दो-चार लाइन लिखकर क्षेत्रीय जनता को पहेली बुझाना और छोटी से छोटी घरेलू विवादों से लेकर अन्यान्य घटनाओं को खाड़ा के क्षेत्रीय जनता के सामने रखकर क्षेत्र को "अपराध के नाम से चर्चित" हेडिंग से खबर चलाकर खाड़ा के नाम को कलंकित करने के साथ-साथ क्षेत्र में भय व्याप्त कर प्रशासन को हर मोर्चे पर कमजोर साबित करने की साजिस कर समाज को सजगता का आइना दिखाकर, खुद क्षेत्र में पाक साफ की मनगढ़ंत बातें करना ही तो है। इसे केवल कागजों पर बनी बनाई कहानी लिखना ही माना जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। ये पहेली नहीं हकीकत है।
मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज प्रखंड अन्तर्गत खाड़ा पंचायत के सुखासिनी गांव की आज 27/05/2021 की कोविड टीकाकरण और ऐंटीजन टेस्ट की बातें जन जागरूकता के नाम पर अचंभित करके रख दी है। बताते चलें कि खाड़ा पंचायत में अवस्थित सुखासिनी गांव दो वार्डों (12 व 13) में बंटा है। सुखासनी गांव की स्थिति जाने तो यहां एक उतक्रमित मध्यविद्यालय और दो आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। यहां कहने के लिए दो आशा भी कार्यरत है। इससे पहले कई बार स्वास्थ्य विभाग की टीम खाड़ा में राजकीय बुनियादी विद्यालय और कन्या प्राथमिक विद्यालय में आकर टीकाकरण और जांच भी की है जिसमें खासे भीड़ भी देखी गई। पर कुछ बुद्धिजीवियों द्वारा पंचायत में अवस्थित राजकीय बुनियादी विद्यालय खाड़ा सुखासिनी से दूर होने की बात बताकर लोगों को आने में दिक्कत बताई जबकि इस क्षेत्र के लोग बाजार करने खाड़ा बाजार आया करते हैं। इसके बावजूद आज जब स्वास्थ्य विभाग की टीम खाड़ा पंचायत के सुखासिनी गांव पहुंची तो 45+ के मात्र दो लोगों को ही टीका लगा और जांच के नाम पर मात्र 7 लोगों का ऐंटीजन टेस्ट हुआ। मिली जानकारी से स्वास्थ्य विभाग की टीम को खाड़ा आकर टीकाकरण की शेष बची सभी डोज को खत्म करना पड़ा। वैसे स्वास्थ्य विभाग की टीम की सुखासिनी पहुंचने की बात करें तो बुधामा स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर उपस्थिती देते हुए 2 बजे सुखासिनी पहुंची और सुखासिनी में मध्यविद्यालय प्रांगण में अवस्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में टीकाकरण शिविर और जांच शिविर लगाया गया। इस टीम में डा. राजन (आरबीएसके),डा. दीपक (आरबीएसके),अश्वनी कुमार आजाद (फार्मासिस्ट),एएनएम शोभा कुमारी,कनक लता कुमारी,अर्चना कुमारी,अशोक कुमार राज (जांचकर्ता) मौजूद थे।
टीकाकरण में लोगों की नगण्य उपस्थिति देख टीम के सभी सदस्यों ने अन्य ग्रामिणों द्वारा अन्यान्य को खबर भिजवाया। परंतु जागरुकता का अभाव कहिए लोग नहीं पहुंच पाए। कुछ घंटों तक इंतजार देख टीम साढ़े तीन बजे वापस खाड़ा की ओर चल पड़ी। जबकि कल ही सुखासिनी में टीकाकरण और जांच टीम जाने की सूचना खाड़ा विकास भवन में उपस्थित चिकित्सा प्रभारी ने सुखासिंनी गांव निवासी आकाशदीप, शिवपूजन साह सहित अन्य को दी थी पर सूचना नाकाफी रहा।
खाड़ा की मीडिया तंत्र काफी फास्ट है। ऐसा इसलिए कहा जाता है कि इस क्षेत्र में कई तेज तर्रार संवाद सुत्र, संवाददाता से लेकर निज संवाददाता और बैनर के वरीय संवाददाता भी मौजूद हैं। मीडिया की संवाद प्रेषण की बात करें तो आए दिन विद्यालय में शिक्षकों की अनुपस्थिति,विद्यालय की दूर्दशा के लिए जिम्मेदार शिक्षकों की पदाधिकारियों से ह्वाट लगवाना, हाट-बाजार की समस्या पर खबर लिखना,अपने घरों को किसान द्वारा मिट्टी भरने के लिए ट्रेक्टर से लाए जा रहे मिट्टी का कार्य को अवैध बताकर कार्यवाही कराना,टेम्पू पर चल रहे पेसेंजर की बात हो या चौक-चौराहे पर बैठे लोग अथवा क्षेत्रों में वर्षों से जागरुकता फैलाए जाने की गढ़ी कहानी (स्क्रिपटेड कहानी) और प्रशासन को तुरत मैसेज कर कार्यवाई कराए जाने की कवायद, सभी आज गुरूवार को सुखासिनी गांव के टीकाकरण केन्द्र पर नगण्य भीड़ देखने के बाद धरी की धरी रह गई। आपको ऐसा बताने में हिचक नहीं होती है कि खाड़ा पंचायत की अच्छी बात करें तो छोटी से छोटी घरेलू विवाद की खबर हो या घटना, आज मोबाइल के जमाने में प्रशासन को तुरत सूचना जरुर मिल जाती है और कार्यवाई के लिए बराबर अनेकानेक फोन भी किया जाता है। और तो और जो काम प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय में पदाधिकारी के सामने बैठकर किया जाना चाहिए वो अब खाड़ा चौक पर बैठकर किया जाने लगा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि इस क्षेत्र की कई घटना साक्ष्य है कि खाड़ा चौक को चारो ओर से घेरकर धरना-प्रदर्शन शुरु कर दिया जाता है। इसका श्रेय यहां के कुछ कथित समाजिक कार्यकर्ता और प्रोपेगेंडा फैलाने वाले टीम को जाता है। जिन असामाजिक तत्वों पर समय पर प्रशासन द्वारा अपनी कानुनी डंडा चलाए जाने की जरुरत है । इसके अलावे जब समाज में जागरुकता फैलाए जाने और सरकार द्वारा किए जा रहे किसी कार्य को सहयोग देने की बात आती है तो उसमें रोड़ा अटकाना भी इसी "प्रोपेगेंडा गेंग" की लत है।
लोगों को कोविड संक्रमण से बचाव के लिए टीका लेने की बात आती है तो क्षेत्र में एक या दो टीकाकरण होता है और कोविड -19 की जांच की बात आती है तो 6-7 जांच करवाया जाता है उसके बावजूद सरकार के कार्य की आलोचना और पदाधिकारियों की अनुपस्थिति बताया जाना सुमार है। क्षेत्र में जनजागरुकता और अपने अधिकार और कर्तव्य की बात पर बेहद सवाल खड़ा किया जाता है। जबकि पढ़े लिखे लोगों द्वारा प्रतिनिधित्व किया जा रहा हो और अपनी बातों के द्वारा भोले-भाले गरीब लाचार लोगों को हथियार बनाकर उनको गलत राह पर चलने की बात हेतु रात-दिन गलत पाठ पढ़ाया जा रहा हो।
आप सभी से बिहार न्यूज लाईव की अपील है कि किसी के बहकावे में ना आऐं और कोविड टीकाकरण और कोविड जांच में आगे आकर अपने स्वास्थ्य को सुदृढ़ करें और दूसरों को भी जागरुक करें।
रिपोर्ट : पुष्पम कुमार/उदाकिशुनगंज।
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सी.के.झा
प्रधान संपादक
दैनिक आजतक