सहरसा । जिले के सभी कोल्ड चेन हैण्डलर को दी गई वैक्सीन के बेहतर प्रबंधन व रखरखाव को लेकर ट्रेनिंग
🔼आईएलआर में रखा जा रहा टीका।
🔼यूएनडीपी के अधिकारियों द्वारा दिया गया प्रशिक्षण।
सहरसा । भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ई-विन कार्यक्रम (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) के तहत जिले के कोल्ड चेन हैंडलर को दिया गया प्रशिक्षण । कोल्ड चेन हैंडलरों का प्रशिक्षण शिविर सोमवार को जिला के सदर अस्पताल परिसर में आयोजित किया गया। यूएनडीपी के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रियरंजन झा तथा यूएनडीपी के भीसीसीएम् मोहम्मद मुमताज खालिद एवं पंकज कुमार की देख-रेख में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कोल्ड चेन हैंडलर्स को वैक्सीन के रखरखाव, तापमान निगरानी, वैक्सीन स्टॉक, वैक्सीन वेस्टेज रोकने आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। यूएनडीपी के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रियरंजन झा ने कहा प्रशिक्षण के बाद जहां वैक्सीन की बर्बादी में कमी आएगी, वहीं प्रबंधन की गड़बड़ी से किसी प्रखंड में टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित नहीं होने पाएगा। बताया ईविन के उपयोग से जिले में किसी वैक्सीन की कोई कमी नहीं होती है। जिससे टीकाकरण का कार्य सुचारू रूप से चलता रहता है। वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (ईविन) से सदर अस्पताल सहित पीएचसी के कोल्ड चेन प्वाइंट को जोड़ा गया है। इस सिस्टम में एप के माध्यम से वैक्सीन के तापमान एवं गुणवत्ता आदि पर नजर रखी जा रही है। जीपीएस से वैक्सीन के कोल्ड चेन मेंटेनेंस सहित अन्य जानकारियां भी आसानी से मिल रही हैं ।
🔼क्या है वैक्सीन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग --
यूएनडीपी के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रियरंजन झा ने बताया कि ईविन मोबाइल एप्लिकेशन से सभी कोल्ड चेन में उपलब्ध वैक्सीन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा रही और गुणवत्ता पर भी नजर रखी जा जा रही है। सुरक्षित भंडारण के लिए नियत तापमान की जरूरत होती है। जिसमें कमी या वृद्धि के कारण टीके के खराब होने की आशंका रहती है, लेकिन कोल्ड चेन में नियत तापमान में कमी या वृद्धि होने पर अलार्म बजने लगता है। साथ ही इसकी सूचना एप के जरिये कोल्ड चेन प्रबंधक से लेकर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं यूनिसेफ के जिला अधिकारी को भी प्राप्त हो जाती है।
🔼आईएलआर में रखा जा रहा टीका--
जिले के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा सदर अस्पताल के कोल्ड चेन में टीके रखने के डीप फ्रीजर में थर्मामीटर लगाए हुए हैं। ऐसे में फ्रीजर के बंद या खराब होने पर इसकी जानकारी संबंधित स्टाफ के पास चली जाती है। फ्रीज का तापमान +2 से +8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा जाने पर मोबाइल से मैसेज व अलार्म बजने लगता है। ऐसे में तुरंत स्टाफ जाकर टीके को देख लेता है और उसे खराब होने से बचा लिया जाता है।
🔼चालू (करंट ) स्टॉक की मिलती है जानकारी--
यूएनडीपी के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रियरंजन झा ने बताया कोल्ड चेन स्टाफ को टीके की मॉनिटरिंग सिस्टम के लिए स्मार्ट फोन और एक जीबी का डाटा प्लान दिया गया है। वह ईविन नेटवर्क के एप के जरिए टीके के स्टॉक को अपडेट करते हैं। इससे आरसीएचओ और जिला कोल्ड चेन मैनेजर को ईविन वेबसाइट पर वैक्सीन की चालू (करंट) स्टॉक की जानकारी मिल जाती है। साथ ही विकसित किए गए एडवांस एप से कहां कितनी वैक्सीन है, और उसका रख-रखाव कैसा हुआ है। यह भी जीपीएस से स्वचालित तरीके से अपडेट होता है।
🔼नियमित टीकाकरण एवम् कोविड वैक्सीन के रख रखाव व प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण जरूरी–
यूएनडीपी के भीसीसीएम् मोहम्मद मुमताज खालिद ने कोल्ड चेन हैंडलर्स को बताया सभी कोल्ड चेन उपकरण आईएलआर, डीप फ्रीजर, कोल्ड बॉक्स, वैक्सीन कैरियर, आईस पैक, थर्मामीटर, आदि का उपयोग कैसे करना है। उन्होंने बताया जिले में सभी सीचसी, पीएचसी व जिला मुख्यालय पर कुल 12 कोल्ड चेन पॉइंट हैं । वैक्सीन के रखरखाव व सही तापमान की निगरानी के लिए आईएलआर में टेंपरेचर लॉगर लगा है, जिनके जरिए ऑनलाइन तापमान की निगरानी की जाती है। ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से वैक्सीन के तापमान, स्टॉक, वेस्टेज आदि पर हर समय ऑनलाइन निगरानी की जा रही। इससे कोल्ड चेन मैनेजमेंट सहित अन्य जानकारियां भी आसानी से मिल रही हैं। वैक्सीन से संबंधित रिपोर्टिंग आदि के बारे में बारीकी से बताया। सिस्टम में रहकर काम करने से टीकाकरण कार्यक्रम संचालित करने में सुविधा होगी। वर्तमान समय में कोविड-19 एवम् नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को देखते हुए बर्बादी कम किया जाना जरूरी है। इसके लिए सभी को नई तकनीक से अपडेट होना होगा।
रिपोर्ट : डेस्क दैनिक आजतक।
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सी.के.झा
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