बदहाली : वर्षों से सुखासनी-बराही सड़क की हालत जर्जर,बरसात में होती है राहगीरों को काफी परेशानी
🔴 वर्षों पूर्व बनाई गई थी ढलाई सड़क।
🔴 जर्जर सड़क से ग्रामीणों के साथ साथ राहगीरों को होती है परेशानी।
रिपोर्ट:पुष्पम कुमार/उदाकिशुनगंज।
एनडीए की केंद्र सरकार एवं बिहार सरकार भले ही ग्रामीण सड़कों को मुख्य सड़क से जोड़ने की लाख कवायद करती हो,किंतु खाड़ा पंचायत में सुखासिनी गांव की सड़क की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
मामला मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज प्रखंड अन्तर्गत सुदूरवर्ती पश्चिमी पंचायत खाड़ा के सुखासिनी से जुड़ा ग्रामीण सड़क का है। जो आज इतनी जर्जर हो चुकी है की पैदल चलना भी लोगों का मुश्किल है। खासकर बरसात में तो कीचड़ में पैदल चलने लायक नहीं रह जाता है यह सड़क।
इस विषय में ग्रामीण कहते हैं कि क्षेत्रीय विधायक केवल आश्वासन पर आश्वासन दे रहे हैं। जो कई सवालों को जन्म दे रही है।आखिर क्या मामला है जो वर्षों से इस जर्जर सड़क का अब तक कार्य शुरू नहीं किया जा सका है?
ग्रामीणों की मानें तो वे कहते हैं कि पदाधिकारी,जनप्रतिनिधि व नेता सुखासिनी के इन सड़कों के निर्माण को लेकर उदासीन नजर आ रहे हैं,इसलिए इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
बताते चलें कि सुखासिनी का यह सड़क जिसकी लंबाई करीब 7-8 सौ मीटर है। जो आलमनगर-माली चौक जाने वाली मुख्य सड़क से सहरसा जिला के कोपा-बराही-काशनगर गांव को जोड़ती है।ग्रामीणों की माने तो इसे बनाने को लेकर स्थानीय पदाधिकारी,जनप्रतिनिधि और नेता ने अब तक कोई दिलचस्पी नहीं ली है। जिसका ही परिणाम यह है। जिस कारण स्थानीय ग्रामीण,नेता व पदाधिकारी के नाम से चिढ़ते हैं।
इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों दोपहिया तथा चार पहिया वाहनों का आवागमन बनी रहती है। ऐसे में इस सड़क पर दुघर्टना का भी डर सदा बना रहता है। बारिश के मौसम में सड़क की स्थिति इतनी भयावह हो जाती है की कोई भी बाहर से आगंतुक तथा यातायात के वाहन चालक वाहन लेकर गांव घूंसना तक नहीं चाहता। गांव के किसी भी प्रसव पीड़ित महिला को गांव से बाहर ले जाने में मुख्य सड़क तक पहुंचने में भी काफी कठिनाइयां होती है।
मिल रही विश्वस्त जानकारी से यह सड़क पूर्व में स्थानीय विधायक के प्रयास से ही बनवाई गई थी। इस बार भी सड़क निर्माण करवा देने का आश्वासन कुछ ग्रामीणों को मिला है। यहां के लोग स्थानीय सांसद के नाम से ही बिफर पड़ते हैं। ग्रामीणों का कहना है की सड़क बनाने के लिए पांच बार क्षेत्रिय विधायक से बारिश के मौसम में ही बोले थे। इस जर्जर सड़क की हालात की जानकारी मोबाइल के माध्यम से भी दिए हैं। लेकिन बरसात के महीनों बीत जाने के बाद भी आज तक कुछ नहीं हुआ। जिससे इस क्षेत्र के लोगों में रोष व्याप्त है।
प्रश्न उठना लाजिमी है कि अब ग्रामीण किससे उम्मीद करें ?
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सी.के.झा
प्रधान संपादक
दैनिक आजतक