जलमीनार में कई दिनों से लटक रहा ताला,पेयजल को तरस रहे लोग
🔴 दस दिनों से पेयजल की आपूर्ति है बाधित।
🔴 ग्रामीण के द्वारा ऑपरेटर की बताई जा रही है लापरवाही।
रिपोर्ट: पुष्पम कुमार /उदाकिशुनगंज।
प्रखंड क्षेत्र के खारा पंचायत अंतर्गत सुखासनी वार्ड नंबर-12 में नल जल योजना से बनी जलमीनार से स्टेपलाइजर चोरी होने से पिछले 10 दिनों से पेयजल की आपूर्ति जहां ठप है वहीं ऑपरेटर संजीत कुमार मेहता ने अभी तक थाने में आवेदन नहीं दिया है ।
पत्रकार से बातचीत के दौरान ऑपरेटर संजीत कुमार मेहता ने कहा कि थाना में आवेदन देने गए थे। लेकिन वहां पुलिस अवर निरक्षक के द्वारा आवेदन पढ़ने के बाद उस स्टेपलाइजर की बिल स्लिप भी संलग्न कर आवेदन देने को कहा। जिससे चोरी की स्टेपलाइजर अगर मिले तो उस बिल स्लिप में अंकित प्रमाण से पहचान हो पाए। ऑपरेटर के द्वारा जलमीनार के ठेकेदार को फोन कर स्टेपलाइजर की बिल स्लिप की मांग करने पर नीतीश कुमार द्वारा चार साल पुराना बिल स्लिप नहीं मिलने की बातें बता रहा है।
ऑपरेटर प्राथमिकी दर्ज नहीं होने का मुख्य कारण बिल स्लिप और ठेकेदार की लापरवाही बता रहा है। जिस वजह से अब तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ग्रामीण वार्ड पंच अनीता देवी ने ऑपरेटर पर बेपरवाह कहते हुए ठेकेदार को भी आड़े हाथों ली है। विगत दस दिनों से पेयजल आपूर्ति ठप रहने से ग्रामीण पानी के लिए भटक रहे है। उन्होंने कहा कि पदाधिकारी द्वारा नल जल हेतु बने जलमिनार को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु स्टेपलाइजर जल्द उपलब्ध कराई जाए हो नहीं तो ग्रामीणों द्वारा चंदा इकट्ठा कर जल मीनार को चालू करवाने हेतु ठोस कदम उठाएगा।
उधर जलमीनार के आसपास के ग्रामीणों का कहना है ऑपरेटर की लापरवाही के वजह से जलमीनार में ताला लटक रहा है जल मीनार में वैसे पहले कभी ताला भी नहीं लगाया जाता था पानी चलाने का कोई समय नहीं था कभी-कभी दिन भर पानी चलता था। जलमीनार के अगल-बगल मवेशी को धोया जाता है।
इस परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण विजय साह ठेकेदार को दोषी ठहराते हुए कहते हैं कि हमलोग के घर की तरफ तो पानी सप्लाई हेतु पाइप लाइन भी नहीं बिछ पाया है। हमलोग नल का जल पीने और इसके उपयोग हेतु आश लगाए वर्षों से बैठे हैं। वो कहते हैं कि आधी आवादी जहां पीने के पानी के लिए तरसते हैं वहीं कुछ पशुपालकों द्वारा यह पानी भैंस धोने के लिए भी उपलब्ध रहता है । पंप संचालक और पेय जल सप्लाई करने हेतु लगे कर्मी के लिए इसके सुधार करना चुनौतीपूर्ण है।
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सी.के.झा
प्रधान संपादक
दैनिक आजतक