सहरसा। फाइलेरिया जागरूकता रथ को जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने किया रवाना

▶️ पांच रथ जिले के तीन प्रखंंडो में फैलाएंगे  जागरूकता।

▶️ 10 फरवरी से एमडीए अभियान की होगी शुरूआत।

▶️ जिले में कुल फाइलेरिया के 1702 मरीज है ।

▶️ जिले के तीन प्रखंड में 7 लाख 86 हजार 908 लोगों को दवा खिलाई जाएगी।

दैनिक आजतक डेस्क / सहरसा।

सहरसा जिले में 10 फरवरी से शुरू होने वाले एमडीए कार्यक्रम में जागरूकता फैलाने को लेकर गुरुवार को पांच जागरूकता रथ को जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार ने हरी झंडी दिखाई। यह रथ स्वास्थ्य विभाग की  तरफ से चलाई जा रही है तथा सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

जिसमें आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर मुफ्त दवा खिलायी जाएगी । लोगों को इस कार्यक्रम में भाग लेकर स्वयं और अपने परिवार को फाइलेरिया से सुरक्षित करना चाहिए। मौके पर जिला भीबीडीसी पदाधिकारी रविन्द्र कुमार ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार काफी संवेदनशील है। इसी क्रम में यह जागरूकता रथ को रवाना किया गया है। यह जिले के तीन प्रखंड सलखुआ,सौरबाजार  तथा सिमरी बख्तियारपुर जाएगी तथा लोगों को जागरूक करेगी। इन तीन प्रखंड में 7 लाख 86 हजार 908 लोगों को दवा खिलाई जाएगी। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार की अच्छी पहल है इससे कार्यक्रम को काफी बल मिलेगा। जागरूकता रथ पर फाइलेरिया से बचाव व ट्रिपल ड्रग थेरेपी के तहत दवाओं के खुराक की अहमियत लिखी गयी है। जिले में कुल फाइलेरिया के  1702 मरीज  है।

▶️ फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है:

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रविन्द्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है। फाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति दवा के पूरा सेवन कर रोग को नियंत्रित रख सकता है। दवाइयों की खुराक पूरी नहीं करने पर यह रोग मरीज के लिए शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक है। जिसके लक्षणों की सही समय पर पहचान नहीं होने पर मरीज को हाथीपांव की बीमारी हो जाती है। हाइड्रोसील या अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ज्यादा दिनों तक बुखार रहे, पुरुष के जननांग में या महिलाओं के स्तन में दर्द या सूजन रहे और खुजली हो, हाथ-पैर में भी सूजन या दर्द रहे तो यह फाइलेरिया होने के लक्षण हैं। यदि ये लक्षण किसी को महसूस हो रहे हों तो इसे गंभीरता से लेते हुए लक्षण वाले मरीज तत्काल चिकित्सक से संपर्क कर अपनी जांच कराएं। अपना इलाज शुरू कराएं तथा पांच साल तक दवा का सेवन करना चाहिए तथा इस दवा का कोई खराब असर नहीं होता है।

▶️  दवा का डोज और सावधानियां:

2-5 वर्ष के बच्चे- 1 डीईसी एवं 1 अल्बेंडाजोल की गोली, 6- 14 वर्ष के बच्चों को 2 डीईसी एवं 1 अल्बेंडाजोल की गोली तथा 15 वर्ष और इससे अधिक उम्र के लोगों को 3 डीईसी एवं 1 अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। यह दवा गर्भवती तथा दो साल से छोटे बच्चो को सेवन  नही कराना है एवं यह दवा खाली पेट भी सेेवन नही करना है।

मौके पर डीपीएम विनय रंजन, डीसीएम राहुल किशोर, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी दीपक कुमार विभाकर,  केयर इंडिया के डीपीओ नसरीन बानो ,जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज सलाहकार राजेश कुमार,डी.ई.ओ अशफ़ाक़ उल्ला एवं स्वास्थकर्मी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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