सहरसा। बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए जरूरी है नियमित टीकाकरण

🔼12 प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है टीका।

🔼सभी प्रकार से प्रमाणिक होते हैं बच्चों के टीके।

🔼जन्म के पश्चात शिशु को बाह्य रोग से बचाये रखने के लिए टीकाकरण महत्त्वपूर्ण है।

सहरसा । जन्म से लेकर 5 वर्ष तक बच्चों को कर्ई प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए सरकार द्वारा नियमित टीकाकरण के माध्यम से उनका टीकाकरण किया जाता है। नियमित टीकाकरण के माध्यम से बच्चों को 12 प्रकार की जानलेवा बीमारियों टीबी, पोलियो, हेपटार्ईटिस-बी, गलघोंटू, काली खांसी, टेटनस, हिमोफिलस इन्फ्लूऐंजा, निमोनिया, खसरा, रूबैला, जापनी इन्सेफलाइटिस, रोटावायरस से बचाव का टीका लगाया जाता है। बच्चों को दिये जाने वाले ये टीके स्वास्थ्य संबंधी सभी परीक्षणों पर परखे एवं तय मानकों के अनुरूप होते हैं। 


🔼12 प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है टीका:

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार विवेकानंद ने बताया टीकाकरण गंभीर बीमारियों से बचाने का एक सरल, सुरक्षित और प्रभावी उपाय है। इससे पहले गंभीर प्रवृति के रोगों का सामना उनसे होने पाये इससे बचाव का एकमात्र सुरक्षित उपाय टीकाकरण ही है। नियमित टीकाकरण के माध्यम से बच्चों को उक्त मुख्य बीमारियों के अलावा अन्य कर्ई प्रकार की बीमारियों से बचाव संभव हो पाता है। नियमित टीकाकरण रोग के प्रसार को कम करने में भी काफी सहायक है। बच्चों को गंभीर रोगों से बचाव के गर्भकाल से ही नियमित टीकाकरण कार्य आरंभ कर दिया जाता है। बच्चों को टेटनस से बचाव के लिए गर्भवती महिलाओं को टीटी के दो डोज एक माह के अंतराल पर दिये जाते हैं। वहीं शिशु जन्म के 5 वर्ष तक विभिन्न चरणों में अन्य जानलेवा बीमारियों से बचाव के टीके दिये जाते हैं। 

🔼जन्म के पश्चात शिशु को बाह्य रोग से बचाये रखने के लिए टीकाकरण महत्त्वपूर्ण है:

पटेल नगर, वार्ड नंबर-31 की निवासी चंदा कुमारी ने बताया कि निजी अस्पताल, सहरसा में उसके बच्चे के जन्म के पश्चात सभी तरह के जरूरी टीकाकरण  सरकारी अस्पताल जा कर किया जा चुका है। वह बताती हैं कि उसे इस बात की समझ पहले से थी कि जन्म के पश्चात शिशु को बाह्य रोग से बचाये रखने के लिए टीकाकरण महत्त्वपूर्ण है।

🔼सभी प्रकार से प्रमाणिक होते हैं बच्चों के टीके :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया बच्चों को बीमरियों से बचाव के लिए दिये जाने वाले टीके सभी प्रकार से प्रमाणिक होते हैं। इन्हें बच्चों को दिये जाने से पहले अच्छी तरह से जांच कर ली जाती है कि ये सभी टीके बच्चों के लिए उपयुक्त हैं। इन टीकों के लेने से बच्चों पर किसी प्रकार का विपरित परिणाम नहीं के बराबर परिलक्षित होते हैं। सम्पूर्ण टीकाकरण नहीं होने पर शिशु मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत अपने बच्चों को टीका लगवाकर जानलेवा बीमारियों से बचाव अवश्य करें।


🔼क्या करते हैं ये टीके ?

बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।

पोलियो, खसरा, रोटा वायरस आदि से बचाव करते हैं।

बच्चों के लिए आवश्यक नये कोशिकाओं का निमार्ण करते हैं।

चेचक जैसी महामारी से बचाव करते हैं।

संक्रामक बीमारियों से बचाव करते हैं।

कुपोषण एवं जानलेवा बीमारियों से बचाते हैं।

रिपोर्ट : डेस्क दैनिक आजतक।

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