बांका। आशा घर घर ढ़ूढ़ रही है टीबी की मरीज, स्वास्थ्य केन्द्र में दी जाती है मुफ्त में दवा

बांका । 2025 तक जिले को टीबी से मुक्त कराने को लेकर टीबी मरीजों की खोज को लेकर अभियान शुरु किया गया है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर टीबी मरीजों की खोज कर रही हैं।

जिला ड्रग इंचार्ज राजदेव राय ने बताया कि टीबी को लेकर एक महीने तक इस पर विशेष तौर पर फोकस किया गया है। क्षेत्र में भ्रमण के दौरान जिस किसी में टीबी का लक्षण दिखाई पड़ता है, उसे आशा कार्यकर्ता नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के लिए ले जाती हैं। 

टीबी मरीजों का न सिर्फ नि:शुल्क इलाज कराया जाता है, बल्कि उसे 500 रुपये प्रतिमाह पौष्टिक भोजन लेने के लिए राशि भी मिलती है। इसके साथ-साथ दवा भी मुफ्त में मिलती है। वहीं आशा कार्यकर्ताओं को एक टीबी मरीज ढूंढने पर 500 रुपये भी दिया जाता है। सिर्फ आशा ही नहीं, बल्कि कोई भी व्यक्ति अगर टीबी मरीज की सूचना देते हैं और जांच में टीबी मरीज की पुष्टि हो जाती है तो उन्हें 500 रुपये इनाम के तौर पर दिया जाता है। 

राजदेव राय ने कहा कि दो सप्ताह या ज्यादा दिनों तक खांसी, बुखार या शाम के वक्त शरीर गर्म होना, वजन में कमी, रात में पसीना आना, भूख न लगना, छाती में दर्द, बलगम में खून आना और कमजोरी और थकान हो तो तत्काल टीबी की जांच कराएं। जिला संचारी रोग पदाधिकारी डा. उमेश नंदन प्रसाद सिन्हा कहते हैं कि अगर टीबी का हल्का सा भी लक्षण दिखे तो जांच कराने स्वास्थ्य केंद्र जाएं। जांच में पुष्टि हो जाने के बाद आपको मुफ्त में दवा मिलेगी। साथ में भोजन के लिए भी पैसे मिलेंगे।

रिपोर्ट : दिलावर अंसारी।

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