समस्या : बुधामा के सामुदायिक भवन में संचालित ओपी का छत का दिख रहा छड़, टपकते वर्षा के पानी से पुलिस बल परेशान

 🔼खाड़ा में 1975-80 के बीच पहले भी संचालित था पुलिस केम्प।

🔼इस क्षेत्र में बुधामा में 2003 से पुन: स्थापित किया गया केम्प।

🔼बुधामा में सामुदायिक भवन में संचालित ओपी को भवन जिर्णोद्धार की है दरकार।


उदाकिशुनगंज (मधेपुरा)। उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र के पश्चिमी सुदूर्वर्ती पंचायतों के दर्जनों से अधिक गांवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी बुधामा ओपी (अवलोकन पोस्ट) को प्राप्त है। ओपी में पदस्थापित पुलिस बल सहित प्रभारी इस क्षेत्र के क्राइम कंट्रोल पर पैनी नजर रखते हुए इस क्षेत्र की जनता को सुरक्षा प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। जहां दर्जनों गावों की हजारों की आबादी के लिए सुरक्षा प्रदान करने वाला यह ओपी खगड़िया-सहरसा-मधेपुरा जिला के सीमावर्ती इलाके होने के कारण महत्वपूर्ण है। वहीं बिडंबना कहिए या राजनेताओं और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार ! स्थापना से लेकर आजतक ओपी को अपना जमीन,भवन नसीब नहीं हो पाया है और ना ही पूर्ण अधिकार ही मिल सका है। जबकि इन क्षेत्रों के लोग यहां थाना बनाए जाने हेतु अनेकों बार पदाधिकारी और सरकार को पत्राचार भी कर चुके हैं। मिली सुत्रों की जानकारी से उदाकिशुनगंज थाना के पश्चिमी क्षेत्र स्थित बुधामा ओपी के स्थापना का अनेक कारण है। जिसमें एक कारण बुधामा पंचायत के तात्कालीन मुखिया ठाकुर दास की हत्या महत्वपूर्ण घटना माना जाता है।

मालूम हो कि अपराध नियंत्रण को लेकर उदाकिशुनगंज थाने से इस क्षेत्र की 15-20 किलोमीटर की दूरी होने के कारण वर्ष 2003 में तात्कालीन एस.पी. अमृत राज के निर्देश पर बुधामा गांव में ओपी स्थापित किया गया था।

🔼सन 1975-80 के समय में भी पुलिस केम्प खाड़ा में था संचालित--

बताया जाता है कि लगभग 1975-80 के दशक में इस क्षेत्र में पुलिस केम्प खाड़ा बाजार निवासी सजन अग्रवाल के पिता सेठ रामोतार राम की अपराधियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद खाड़ा बाजार के दूर्गा मंदिर और इसके बगल में वर्षों तक संचालित रहा। जो वर्षों बाद प्रशासन द्वारा इसे हटा लिया गया।


🔼इस क्षेत्र में पुन: क्राइम कंट्रोल के लिए बुधामा में स्थापित हुआ पुलिस केम्प--

बतादें कि उदाकिशुनगंज प्रखंड और थाना के पश्चिमी सुदूर्वर्ती क्षेत्र में अपराध नियंत्रण को लेकर लगभग 18 साल पूर्व 2003 में बुधामा के तात्कालीन मुखिया ठाकुर दास की हत्या के बाद बुधामा में यह ओपी स्थापित की गई। इस क्षेत्र में ओपी की दोबारा स्थापना के वर्षों बीत जाने के बाद भी अपना जमीन और भवन नसीब नहीं हो पाया और ना ही इस क्षेत्र की घटनाओं का प्राथमिकी दर्ज करने का पूर्ण अधिकार ही इसे मिल पाया है। आए दिन किसी भी छोटी घटना हो या बड़ी घटना, घटना घटने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु यहां से आवेदकों को उदाकिशुनगंज थाना भेजा जाता है। जो आज के सुशासन सरकार के समय में बेहद हैरतअंगेज करने वाली बात है। प्राप्त जानकारी से इस ओपी के प्रशासनिक जद में खाड़ा,बुधामा,नयानगर और शाहजादपुर पंचायत के दर्जनों गांव आते हैं।

🔼मांग ओपी को स्थायित्व प्रदान करने की--

इन क्षेत्र के लोगों की माने तो वरीय पदाधिकारियों द्वारा इस ओपी को स्थायित्व प्रदान किया जाना प्रमुख मांग है। जिससे इस क्षेत्र में क्राइम कंट्रोल करने, लोगों की सुरक्षित यात्रा अथवा यातायात के मद्देनजर और व्यापारियों को अपने व्यापारिक कार्य करने में कठिनाइयाँ ना हो इसके मद्देनजर ये जरुरी है।

🔼बुधामा सामुदायिक भवन में 18 वर्षों से कार्यरत है ओपी-- 

ज्ञात हो कि बुधामा ओपी में आधे दर्जन सशस्त्र बल सहित ओपीध्यक्ष बुधामा में बने सामुदायिक भवन में ही अपना आशियाना बना क्षेत्र की जनता को सुरक्षा प्रदान कर रहा है। बिडंबना ही कहिए इस भवन के छत से जहां छड़ दिख रहा है वहीं वर्षा के मौसम में पानी रिसता है और इससे छत ढ़हने का भी डर बना है। इन सारी समस्याओं से पुलिस बल को रहने में काफी दिक्कत हो रही है। जब पुलिस चौकी में रह रहे पुलिस बल को ही परेशानी हो रही हो तो औरों का क्या ? वस्तुत: ओपी का निजी जमीन और भवन तो है नहीं। इसके बावजूद ओपी में रह रहे पुलिस बल के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और वरीय पदाधिकारियों का भवन की ओर ध्यान नहीं जा रहा जो दु:खद है। यहाँ रह रहे जबान या पुलिस बल वर्षा में रिसते छत के नीचे रहने को विवश है।

🔼सामुदायिक भवन में संचालित ओपी वर्षों से मरम्मती/निर्माण का बाट जोह रहा--

बुधामा सामुदायिक भवन में रह रहे बुधामा ओपी पुलिस बल और प्रभारी को टीम के साथ रहने के लिए निश्चित ही एक सुरक्षित भवन की दरकार है। वर्तमान में देखने से ही आपको पता चल जाएगा कि सामुदायिक भवन में संचालित ओपी वर्तमान में छत ढ़हने को बेताब है। जिसकी मरम्मती अथवा जिर्णोद्धार तो जरुरी है ही इसके साथ-साथ यहां चाहरदीवारी भी बेहद जरुरी है।

🔼तात्कालीन विधायिका रेणू कुमारी ने की थी सामुदायिक भवन का शिलान्यास--

2005-2006 में उदाकिशुनगंज विधायिका रेणू कुमारी के विधायक कोष से यह सामुदायिक भवन का शिलान्यास किया गया था। भवन निर्माण के लिए उस समय प्रा.राशि-4 लाख 47 हजार 700 जो कि योजना संख्या-05/05-06, कार्यकारी एजेंसी-कार्य.अभियंता, ग्राम.विकास विभाग का उल्लेख शिलापट्ट पर मिलता है। आप यूं कह सकते हैं कि इस भवन की हालात 15-16 वर्षों में ही ऐसा हो गया है जो सही नहीं है।

🔼वर्तमान जिलापरिषद सदस्य अमन यादव के अनुसार--

उदाकिशुनगंज पश्चिमी क्षेत्र के वर्तमान जिला परिषद सदस्य अमन से इस भवन के जिर्णोद्धार के बारे में पूछे जाने पर कहते हैं कि हमने बुधामा में सामुदायिक भवन में संचालित ओपी के जिर्णोद्धार और रंग रोगन के लिए अपने जिलापरिषद सदस्य की कार्ययोजना में लेकर इस कार्य को पास भी करवा लिया है। जल्द ही भवन का जिर्णोद्धार,रंग रोगन आदि कार्य शुरू की जाएगी।


🔼बुधामा के ओपीध्यक्ष के अनुसार--

बुधामा सामुदायिक भवन के दशा के बारे में बुधामा ओपीध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सिन्हा कहते हैं कि जिस भवन में हमलोग रहकर इस क्षेत्र की जनता को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं,उसमें वर्षा होने पर हमलोग ही असुरक्षित हो जाते हैं। सामुदायिक भवन की मरम्मती/जिर्णोद्धार/पुनर्निर्माण के साथ-साथ चहारदीवारी भी अतिआवश्यक है। इस ओर वरीय पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों का ध्यान दिया जाना बेहद जरुरी है।

रिपोर्ट : पुष्पम कुमार/उदाकिशुनगंज।

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