मनमानी: सरकारी विद्यालय में चलाया जा रहा निजी कोचिंग, पदाधिकारी अनजान
🔴 बच्चों से वसूली जा रही सैंकड़ों रुपए।
🔴 किसके द्वारा और कैसे मिल रही विद्यालय गेट की चाभी,किसने दिया परमिशन ? सस्पेंस बरकरार।
रिपोर्ट: पुष्पम कुमार/उदाकिशुनगंज।
बिहार के सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने के दावे सरकार के द्वारा लगातार किए जा रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। बिहार सरकार जितने निजी कोचिंग पर शिकंजा कसने की बात कर लें। अब तो सरकारी विद्यालयों में भी कोचिंग चलाने से बाज नहीं आ रहे कोचिंग संचालक (शिक्षा माफिया)।
यह विद्यालय प्रशासन से यक्ष प्रश्न उठना लाजिमी है कि किसके द्वारा और कैसे मिल रही विद्यालय गेट की चाभी ? यह सस्पेंस किसी गहरी प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाना नहीं तो और क्या हो सकता है?
यह वाकया नयानगर पंचायत के सिंगारपुर बैरागी बासा मध्य विद्यालय की है। जहां विद्यालय प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई है। जहां स्कूल के एक कमरे में निजी कोचिंग सेंटर चलाया जा रहा है। यह कोचिंग करीब एक साल से संचालित की जा रही है।
माना जा रहा है कि विद्यालय प्रशासन की मिलीभगत से यह अवैध रूप से संचालित की जा रही है।
सरकारी नियमों का उल्लंघन कर संचालित इस कोचिंग सेंटर में करीब 50 विद्यार्थी पढ़ाए जा रहे हैं। मिल रही जानकारी से इसका संचालन सहरसा जिले के सोनवर्षा प्रखंड के महुआ बाजार निवासी मनमोहन कुमार कर रहे हैं। कोचिंग सुबह 6 बजे से 8 बजे तक सरकारी विद्यालय के कमरे में चलाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि प्रत्येक विद्यार्थी से 300 रुपये मासिक फीस ली जा रही है। इस तरह हर महीने 10 से 12 हजार रुपए अवैध तरीके से विद्यालय में छात्रों से कोचिंग संचालक द्वारा राशि उगाही किए जा रहे हैं।
प्रखंड विकास पदाधिकारी गुलज़ारी कुमार पंडित ने इस तरह की सूचना पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा कि हमें इसकी जानकारी आज मिली है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच करते हुए दोषियों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
लोगों ने वरीय पदाधिकारी से इस ओर जल्द से जल्द विधि सम्मत कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
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सी.के.झा
प्रधान संपादक
दैनिक आजतक