मधेपुरा। जैविक खेती की विधि रासायनिक खेती की विधि की तुलना में बराबर या अधिक उत्पादन देती है :- शशिधर

🔼किसान सम्मेलन में किसानों को जैविक खेती करने को किया जागरूक ।

डेस्क दैनिक आजतक / मधेपुरा।
 
मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड मुख्यालय के न्यू जीनियस कोचिंग सेंटर घोषई में स्मार्ट वैल्यू लिमिटेड कंपनी के द्वारा प्रखंड स्तरीय किसान सम्मेलन का आयोजन प्रोपराइटर शशिधर सुमन के अध्यक्षता में किया गया। किसान सम्मेलन में स्मार्ट वैल्यू लिमिटेड कंपनी के कृषि विशेषज्ञ प्रमोद कुमार ने किसानों को जैविक खेती करने पर बल देने को कहा। किसानों को स्मार्ट वैल्यू लिमिटेड कंपनी के जैविक प्रोडक्ट उपयोग कर अच्छी-अच्छी फसल तैयार करने के तरीके बताए। कृषि विशेषज्ञ प्रमोद कुमार ने बताया कि स्मार्ट वैल्यू लिमिटेड कंपनी लगातार पूरे भारत वर्ष में 22 वर्षों से कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य रोजगार को लेकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान अधिक से अधिक फसल उत्पादन करने कि होङ में तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग कर रहे हैं जो प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान के चक्र को प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है साथ ही खाद्य पदार्थ भी जहरीले हो रहे हैे। 

जैविक खाद के उपयोग करने से भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है। भूमि की जल धारण क्षमता बढ़ती हैं। मिट्टी खाद पदार्थ और जमीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण मे कमी आती है। कचरे का उपयोग खाद बनाने में होने से बीमारियों में कमी आती है । फसल उत्पादन की लागत में कमी एवं आय में वृद्धि होती है। प्रोपराइटर शशिधर सुमन ने कहा कि जैविक खेती, की विधि रासायनिक खेती की विधि की तुलना में बराबर या अधिक उत्पादन देती है अर्थात जैविक खेती मृदा की उर्वरता एवं कृषकों की उत्पादकता बढ़ाने में पूर्णत: सहायक होती है। वर्षा आधारित क्षेत्रों में जैविक खेती की विधि और भी अधिक लाभदायक है। जैविक विधि द्वारा खेती करने से उत्पादन की लागत तो कम होती ही है इसके साथ ही कृषक भाइयों को आय अधिक प्राप्त होती है। अधिक उत्पादन के लिये खेती में अधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरको एवं कीटनाशक का उपयोग करना पड़ता है जिससे सीमान्य व छोटे कृषक के पास कम जोत भुमि मेें अत्यधिक लागत लग रही है और जल, भूमि, वायु और वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों की किल्लत को देखते हुए किसानों को अपना रुख जैविक खेती की ओर मोर लेनी चाहिए। 

मौके पर किसान सम्मेलन के आयोजक प्रोपराइटर शशिधर सुमन, विजय महतो, अमित सोनू, कृष्णकांत, सोनी कुमारी, निरज कुमार, अजय कुमार किसान मनोज शर्मा, मूलचंद्र यादव, लालू कुमार, प्रभात कुमार, महाराणा कुमार यादव आदि मौजूद थे।

Comments

Popular posts from this blog

मैया जागरण कार्यक्रम: खाड़ा की मां दक्षिणेश्वरी काली पूजा को लेकर तैयारी जोरों पर, किया जाएगा दो दिवसीय मैया जागरण

खाड़ा की बेटी प्रीति ने नेट परीक्षा में मारी बाजी, मिल रही बधाई

सफलता : खाड़ा के अंशु ने जेईई-मेन परीक्षा में पाई सफलता,परिजनों में खुशी का माहौल,मिल रही बधाईयां