मधेपुरा। विद्यालय के कब्जे की जमीन को पूर्व समिति जितेन्द्र पंडित ने करवाया केवाला, ग्रामीणों ने जताया आपत्ति
🔼शास्त्री स्मारक उच्च विद्यालय के कब्जे की जमीन को कराया केवाला।
🔼ग्रामीणों ने दिया अनुमंडलाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारियों को आवेदन।
🔼ग्रामीणों द्वारा वरीय पदाधिकारी से स्थल निरीक्षण कर इस मामले की समाधान की मांग की गई।
गुड्डु कुमार ठाकुर / खाड़ा बाजार (उदाकिशुनगंज)।
उदाकिशुनगंज प्रखंड के खाड़ा पंचायत में अवस्थित शास्त्री स्मारक उच्च विद्यालय (+2) के कब्जे वाले तथा मैदान में उपयोग होने वाली जमीन का निजी रुप से रजिस्ट्री करवाए जाने का एक मामला प्रकाश में आया है।
मिल रही जानकारी से शास्त्री स्मारक उच्च विद्यालय खाड़ा का स्थापना को लगभग 60 वर्ष हो चुका है। उस समय कुछ जमींदारों ने विद्यालय के स्थापना , निर्माण तथा इसके संचालन हेतु शिक्षा विभाग बिहार सरकार के नाम जमीन दान देकर समाज के बच्चों को शिक्षित बनाने हेतु समाज में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था।
आज से लगभग दो-तीन दिन पूर्व एक मैसेज व डाक्यूमेंट शोशल मीडिया पर वायरल हुआ कि विद्यालय के फिल्ड (मैदान) तथा कब्जे की जमीन जितेन्द्र पंडित के द्वारा अपने पिता बिन्देलाल पंडित के नाम रजिस्ट्री करवा लिया है। यह मैसेज अनेकों ग्रुप में वायरल हुआ।
🔼मामला पर एक नजर :
मामला कुछ यूं है कि शास्त्री स्मारक उच्च विद्यालय की मैदान वाली जमीन जिसका खाता संख्या- 997,खेसरा नंबर-1256, रकवा -3 एकड़ 19 डिसमल से सटे पश्चिम खाता नंबर-242, खेसरा नंबर-1244 में रकवा-8 डिसमल जमीन विद्यालय के मैदान के रुप कब्जे और उपयोग में लगभग 60 वर्षों से रहा है। खेसरा नंबर-1244 की जमीन जिसमें पंजी में दर्ज रकवा से ज्यादे रकवा (8 डिसमल 800 वर्गकड़ी) खाड़ा के पूर्व पंचायत समिति सदस्य जितेन्द्र पंडित ने अपने पिता बिन्देलाल पंडित पे०- स्व.कारी पंडित के नाम 5 अगस्त 2022 को गलत तरीके से केवाला करवा लिया है ।
🔼ग्रामीणों ने मोटेशन रोकने तथा केवाला रद्द करने हेतु पदाधिकारी को संयुक्त हस्ताक्षर युक्त दिया आवेदन :
इधर पंचायत के पूर्व सरपंच ललित नारायण राम, खाड़ा के वर्तमान मुखिया ध्रुव कुमार ठाकुर ,सरपंच मुन्नी देवी, सुभाष प्रसाद सिंह, अमर प्रसाद सिंह,सुभाषचंद्र झा, अशोक प्रसाद सिंह,रविंद्र कुमार सिंह,सरपंच प्रतिनिधि मंजय प्रसाद सिंह सहित कई दर्जन पंचायत के गणमान्य लोगों ने संयुक्त रुप से हस्ताक्षर युक्त आवेदन के द्वारा इस तरह से विद्यालय के कब्जे में एवं आने-जाने के रास्ते व मैदान के रुप में उपयोग में लाए जा रहे जमीन को केवाला करवाए जाने पर अनुमंडलाधिकारी के नाम आवेदन देकर तत्काल इसके मोटेशन पर रोक लगाए जाने तथा इस केवाला को रद्द करने हेतु आपत्ति दी है । सभी उपस्थित सदस्य व शिष्टमंडल ने अनुमंडलाधिकारी की अनुपस्थिति में डीसीएलआर को आवेदन सौंपा है। जिसका प्रतिलिपि जिलाधिकारी मधेपुरा, जिला शिक्षा पदाधिकारी मधेपुरा,प्रखंड विकास पदाधिकारी उदाकिशुनगंज,प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी उदाकिशुनगंज, अंचलाधिकारी उदाकिशुनगंज को भी दी गई है।
🔼मामले में पंचायतवासी कहते हैं :
पंचायतवासियों का कहना है कि उक्त जमीन पर विद्यालय का प्रथम हक और अधिकार बनता है। क्योंकि यह जमीन विद्यालय के स्थापना काल से विद्यालय के मैदान के रुप में उपयोग होते आ रहा है। यह जमीन विगत 60 वर्षों से विद्यालय के अधिकार क्षेत्र में है और रास्ता इसी ओर से है तथा इसपर वर्तमान में विद्यालय का दखल-कब्जा भी है इस जमीन का केवाला निजी रुप से करवाना गलत है।
🔼ग्रामीणों की मांग :
ग्रामीणों का कहना है कि मामले की सत्यता प्रशासनिक स्थल जांच से संभव है। लोगों ने वरीय पदाधिकारी द्वारा विद्यालय के जमीन का स्थल निरीक्षण कर मामले की गंभीरता को देखते हुए इसके निष्पादन करने की भी मांग की है।
🔼पूर्व पंचायत समिति जितेन्द्र के अनुसार :
पूर्व पंचायत समिति सदस्य जितेन्द्र पंडित से इस मामले में पूछे जाने पर बताया है कि उक्त जमीन जिसका खाता नंबर-242, खेसरा नंबर-1244 है, विद्यालय का नहीं है। यह जमीन जमीनदार छेदी सिंह का है। यह खतियानी जमीन हमारे पिता ने देवेन्द्र सिंह पे०- छेदी सिंह से खरीदी है जो कहीं से गलत नहीं है।
🔼अंचल कार्यालय द्वारा मोटेशन पर तत्काल लगाई रोक :
मिली विश्वस्त जानकारी से अंचल कार्यालय ने खतियान में उपलब्ध जमीन 8 डिसमल से ज्यादे रकवा लिखवाए जाने तथा इसके मोटेशन के आवेदन पर तत्काल रोक लगा दी है।
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आपके द्वारा संवाद को पढ़ना हमें बेहतर लगा।
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सी.के.झा
प्रधान संपादक
दैनिक आजतक