एडवोकेसी टू एक्शन: बाल अधिकारों के लिए युवा हुए एकजुट

🔼बच्चों के अधिकारों के प्रति एडवोकेसी के महत्व पर 200 से ज़्यादा युवाओं को जागरूक करने के लिए चाइल्ड राइट्स सेंटर-यूनिसेफ़ द्वारा कार्यशाला का आयोजन। पटना। सार्वजनिक नीति के निर्माण को प्रभावित करने के लिए एडवोकेसी बहुत महत्वपूर्ण है। एडवोकेसी से एक व्यक्ति या लोगों के समूह के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने और विचार बदलने में मदद मिलती है। इसके लिए यह जरूरी है कि हमारे पास विषय के बारे में पर्याप्त जानकारी हो। हम सभी जानते हैं कि हमारे बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। बच्चे अपने अधिकारों के बारे में पूर्ण से जागरूक नहीं होते हैं और ना ही वह इस बारे में कोई कदम उठाने में सक्षम होते हैं। इसलिए हमें बड़ों को उनकी मदद करनी चाहिए। उक्त बातें चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की कुलपति न्यायमूर्ति मृदुला मिश्रा ने एक ऑनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इस कार्यक्रम, “फ्रॉम एडवोकेसी टू एक्शन–यूथ यूनाइट फॉर चाइल्ड राइट्स” का आयोजन चाइल्ड राइट्स सेंटर, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और यूनिसेफ बिहार द्वारा किया गया था। यूनिसेफ बिहार की संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता ने कहा कि हमें हर बच्चे के लि...