मधेपुरा। पूर्व सरपंच ललित ने खाड़ा में संत रविदास के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके सामने टेका माथा, उत्सव के रुप में मनाया रविदास जयंती

उदाकिशुनगंज (मधेपुरा)।

गुरु रविदास जयंती उत्सव के रूप में खाड़ा में मनाया गया। इस अवसर पर समारोह की अध्यक्षता कर रहे पूर्व सरपंच ललित ने कहा कि संत रविदास ने जातिवाद और छुआछूत जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। देशभर में आज रविदास जयंती मनाई जा रही है। खाड़ा वार्ड नंबर-7 में ललित के दरवाजे पर  16 फरवरी बुद्धवार को करीब 9 बजे सुबह जयंती उत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ललित ने कहा कि हम सबों को गुरु रविदास की भावना को आत्मसात करना चाहिए और इनके बातों का अनुसरण कर आगे बढ़ना  चाहिए।

इस समारोह के अवसर पर सी.के.झा ने कहा कि छुआछूत जैसी कुप्रथाओं को समाज से दूर करने के लिए समर्पित संत रविदास के जीवन हम सब के लिए प्रेरणादायी है। हमें इनके जीवन और इनके दिखाए रास्तों पर चलना चाहिए।

जयंती झांकी का विडियो देखने के लिए नीचे लिंक को क्लिक करें--


पूर्व सरपंच ,वार्ड सदस्य,युवा,महिलाओं  सहित सैकड़ों गणमान्य ग्रामीणों ने संत रविदास के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर पूजा-अर्चना की। 
इस अवसर पर बच्चों, युवाओं सहित सैकड़ों धर्मावलंबियों 
नें झांकियां में शिरकत की। झांकियों में एक युवा को संत रविदास के रूप में सजाकर ट्रेक्टर ट्राॅली रुपी रथ में बैठाकर खाड़ा का शांतिपूर्ण भ्रमण उनके जयकारों के साथ करवाया। इसके पश्चात सत्संग प्रेमियों के लिए अमृत प्रवचन की भी व्यवस्था की गई है।

अब जानते हैं इनके जन्म और जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य, जिनके बारे में शायद आपको पता हों -

कब मनायी जाती है रविदास जयंती?

माघ पूर्णिमा को रविदास जी की जयंती मनायी जाती है। इनकी जयंती को लोग पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। मान्यता है कि जिस दिन रविदास जी का जन्म हुआ था, उस दिन रविवार था। इसी की वजह से इनका नाम रविदास पड़ गया। संत गुरु रविदास जयंती को पूरी दुनिया के लाखों लोग पूर्णिमा के दिन बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

कहां और कब हुआ था संत रविदास जी का जन्म?

हिंदू पंचांग के अनुसार गुरु रविदास जी का जन्म 1398 में माघ पूर्णिमा को उत्तर प्रदेश के काशी में हुआ था। ऐसे में इनके जन्मदिन यानी माघ पूर्णिमा के दिन दुनियाभर से लोग काशी पहुंचते हैं। यहां पर इस दिन भव्य  उत्सव मनाया जाता है।           

इस अवसर पर मिथुन पासवान, मटर राम,जवाहर राम,रंजित पंडित, बिनोद राम, अशोक राम,मिथुन राम,शैलेन्द्र राम,कैलाश राम,पूरन राम,राजो राम,ललकुन राम सहित सैकड़ों धर्मावलंबी  युवा और ग्रामीण मौजूद रहे।

रिपोर्ट : डेस्क दैनिक आजतक।

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