मधेपुरा। सरपंच के साथ शिक्षक ने किया अभद्रता, एसडीएम से की गई लिखित शिकायत
खाड़ा बाजार (उदाकिशुनगंज)।
उदाकिशुनगंज प्रखंड के बुधामा पंचायत के सरपंच मनोज कुमार सिंह के साथ शिक्षक द्वारा अभद्रता का मामला प्रकाश में आया है। सरपंच मनोज ने एसडीएम उदाकिशुनगंज को लिखित शिकायत भी की है।
सरपंच ने पत्रांक-19/23.09.2022 के द्वारा 23 सितंबर की घटना की जानकारी वरीय पदाधिकारी को दी है। उन्होंने बताया कि जब हम ग्रामीणों के शिकायत पर विद्यालय की गतिविधि से अवगत होने के लिए विद्यालय पहुंचे तो विद्यालय में तीन शिक्षक पवन कुमार मुखिया,संजय कुमार झा एवं विजय कुमार साह उपस्थित थे। विद्यालय में इस समय लगभग 40 छात्र उपस्थित थे। कुछ बच्चे पढ़ रहे थे तो कुछ बच्चे रसोईया के साथ आलू छीलते हुए देखे गए। उन्होंने कहा कि सवाल यह उठता है कि बच्चे पढ़ने जाते हैं कि रसोईया के साथ आलू छीलने ?
उन्होंने कहा कि इस तरह की गलत गतिविधि, स्वच्छता और बच्चों की कम उपस्थिति से संबंधित शिकायत की सत्यता की जानकारी लेने को लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक पवन कुमार मुखिया से बातें कर ही रहे थे कि बीच में शिक्षक विजय कुमार साह आकर मुझसे अभद्रता करते हुए बातें करने लगे। जो सार्वजनिक रुप से वर्णण योग्य नहीं है।
मामला 23 सितंबर का 12 बजे दिन का साधुपुर स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है। सरपंच ने कहा कि हमारे साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए शिक्षक विजय कुमार साह ने दुर्व्यवहार भी किया। वरीय पदाधिकारी को लिखित शिकायत कर उचित कार्रवाई की मांग मेरे द्वारा की गई है। श्री सिंह ने कहा कि जब एक ग्राम कचहरी के सरपंच व पंचायत प्रतिनिधि के साथ शिक्षक द्वारा ऐसा व्यवहार किया जाता है तो बच्चे और अभिभावकों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा होगा सोचने की बात है।
बताया जा रहा है कि इस घटना के समय पंचायत के वर्तमान पंचायत समिति सदस्य भी मौजूद थे।
इधर मामला से संबंधित कुछ बातें क्षेत्र के लोगों द्वारा दबे जुबान से बताया जा रहा है कि यह मामला व्यक्तिगत और राजनीति से प्रेरित भी हो सकता है जो पदाधिकारी की जांच से ही स्पष्ट हो सकेगा। वैसे विद्यालय का पठन-पाठन बहुत अच्छा नहीं चल रहा है। विद्यालय में साफ-सफाई की कमी भी देखी जा सकती है।
इस मामले में विद्यालय के प्रधानाध्यापक पवन मुखिया से पत्रकार द्वारा पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जो बच्चा रसोई में रसोईया के साथ आलू छील रहा था वो सब मेरे स्कूल का विद्यार्थी नहीं था। यदि ऐसे बाहरी बच्चे को विद्यालय से बाहर करते हैं तो अभिभावक लोग लड़ने आ जाते हैं। इस सबको देखते हुए हम बच्चे को बाहर नहीं कर सकते हैं और इन्हें मध्याह्न भोजन भी कराने को विवश हैं। उन्होंने स्वीकार करते हुए कहा कि आलू छीलने वाले सभी बाहरी बच्चे स्कूल ड्रेस में ही था और रसोईया के साथ आलू छील रहा था।
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सी.के.झा
प्रधान संपादक
दैनिक आजतक