मधेपुरा। घरों पर प्रसव खतरनाक, संस्थागत प्रसव कराएं, जच्चा-बच्चा की जान बचाएं
🔼मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने में पूर्ण सहायक संस्थागत प्रसव।
🔼अस्पताल में मिलती है बेहतर आकस्मिक सेवाएं ।
🔼मिथ्यात्मक बातों से गर्भवती महिलाएं बनाये दूरी, संस्थागत प्रसव को अपनाएं।
मधेपुरा । गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित संस्थागत प्रसव बेहद ज़रूरी है।संस्थागत प्रसव कराने से शिशु व मातृ मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। संस्थागत प्रसव नहीं कराने से जच्चा और बच्चा दोनों के संकट में आ जाने का खतरा रहता है। सुरक्षित प्रसव कुशल चिकित्सक और कर्मचारियों की देखरेख में सरकारी अस्पतालों में कराना ही सही होता है। संस्थागत प्रसव का मुख्य उद्देश्य मातृ और शिशु मृत्यु दर को रोकना है।संस्थागत प्रसव से किसी भी खतरे को समय रहते पहचाना जा सकता है। सरकार द्वारा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएँ चलायी जा रही हैं। साथ ही संस्थागत प्रसव से संबंधित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान व जननी सुरक्षा योजना की जानकारी आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से चिह्नित गर्भवती महिलाओं व उनके परिजनों को दी जा रही है।
🔼प्रसव से जुड़ी मिथ्यात्मक बातों की रखें जानकारी:
लोगों में यह मिथ्या है कि घर पर प्रसव कराना आसान व कम खर्च वाला होता है। यह सिर्फ एक मिथक है और घरों पर प्रसव के दौरान आपातकालीन सुविधाएं नहीं होने से मां और नवजात की जान को खतरा होता है।
🔼जननी सुरक्षा योजना:
सिविल सर्जन डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही ने बताया राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने एवं मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य जननी योजना की शुरुआत की गई । इस योजना के अंतर्गत सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने वाली महिलाओं को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 1400 रुपये और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये दिये जाते हैं। साथी योजना के अंतर्गत मुफ्त एंबुलेंस सेवा, मुफ्त खाना, मुफ्त सी सेक्शन ऑपरेशन, मुफ्त में खून चढ़ाना आदि शामिल है। सिविल सर्जन ने बताया जो भी महिला सरकारी अस्पताल में प्रसव के लिए आती है वह स्वयं ही जननी सुरक्षा योजना के लिए पात्र हो जाती है।
🔼संस्थागत प्रसव से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध है अस्पताल में:
सिविल सर्जन डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही ने बताया संस्थागत प्रसव से संबंधित सभी सुविधाएं सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए चिह्नित गर्भवती को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में प्रसूति विशेषज्ञ व प्रशिक्षित नर्स प्रसव कार्य कराती हैं। सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा सदर अस्पताल में मौजूद है।
🔼संस्थागत प्रसव के फायदे:
• कुशल एवं प्रशिक्षित डॉक्टर की देखरेख में होता है, किसी भी परिस्थिति से निपटने में सक्षम होते हैं।
• दवा और उपकरण की सुलभता।
• किसी भी गंभीर स्थिति की समय रहते पहचान।
• जच्चा और बच्चा की समुचित देखभाल।
• शिशु और मातृ मृत्यु दर पर अंकुश।
• प्रसव के बाद माँ और बच्चे की सम्पूर्ण देखभाल।
🔼गर्भवती महिलाएं इन बातों का जरूर रखें ध्यान:
• अपने क्षेत्र की आशा एवं ए.एन.एम के संपर्क में रहें ।
• प्रसव की संभावित तिथि को लेकर रहें सजग एवं परिवारजनों को इसकी जानकारी दें ।
• एम्बुलेंस का नंबर अपने पास रखें।
• प्रसव के समय बच्चों एवं किसी बीमार व्यक्ति के साथ अस्पताल न जाएँ ।
• अस्पताल में लागू कोरोना के मापदंडों से खुद को और परिवार के लोगों को अवगत कराएँ ।
• किसी भी आपातकालीन स्थिति में नजदीकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा से संपर्क करें।
रिपोर्ट : डेस्क दैनिक आजतक।
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सी.के.झा
प्रधान संपादक
दैनिक आजतक