सहरसा। जिले में आज दिया जाएगा एमडीएसआर का प्रशिक्षण
🔼मातृ मृत्यु दर कम करना लक्ष्य।
🔼मिलेगा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा।
सहरसा। गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित एवं सुखद प्रसव हो सके इसके लिए सरकार द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों में आवश्यक उपाय किये गये हैं। कोरोना महामारी के दौरान एवं इसके बाद संस्थागत प्रसव पर आम लोगों का विश्वास काफी बढ़ा। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के लिए सरकार द्वारा प्रसव पूर्व एवं प्रसव पश्चात सेवाऐं प्रदान की जा रही हैं। इसके लिए आवश्यक है कि इन सेवाओं में आवश्यक सुधार लाने के लिए आंकड़ों का संधारण किया जाय और उसके विश्लेषण के आधार पर योजनाऐं तैयार कर सेवाओं में आवश्यक सुधार लाया जा सके। इसी क्रम में मातृ मृत्यु में कमी लाने के लिए प्रसव के दौरान मृत महिलाओं की सूचनाओं का संधारण आवश्यक है। जिसका प्रशिक्षण आज जिले में राज्य स्वास्थ्य समिति के राज्यस्तरीय मास्टर ट्रेनर द्वारा दिया जाएगा।
🔼मातृ मृत्यु दर कम करना लक्ष्य-
सिविल सर्जन डा. अवधेश कुमार ने बताया स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS) एक वेब आधारित निगरानी सूचना प्रणाली है। जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और अन्य स्वास्थ्य निगरानी के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है। यह नीति निर्माण और उपयुक्त हस्तक्षेप के लिए महत्वपूर्ण इनपुट प्रदान करता है। इसका उपयोग स्वास्थ्य सुविधाओं की ग्रेडिंग, आकांक्षी जिलों की पहचान, योजना की समीक्षा आदि में किया जाता है। इसी क्रम में प्रसव के दौरान गर्भवतियों की मृत्यु हो जाने पर इसके आंकड़ों का संधारण एमडीएसआर पोर्टल पर किया जाने संबंधी प्रशिक्षण आज जिले के चिकित्सक, प्रसूति रोग विशेषज्ञ, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला योजना समन्वयक, जिला सलाहकार, गुणवत्ता यकीन तथा जिले के चिह्नित निजी स्वास्थ्य केन्द्रों के एक-एक प्रतिनिधियों को दिया जाएगा।
उन्होंने बताया यह प्रशिक्षण राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार, पटना से आये मास्टर ट्रेनर द्वारा दिया जाएगा। स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली पर मातृ मृत्यु संबंधी आंकड़ों के संधारण से आने वाले समय में मातृ मृत्यु कम करने के उपायों को विकसित करने में सुविधा होगी। सुरक्षित एवं सुखद प्रसव प्रत्येक गर्भवती महिला को मिल सके इसके लिए यह काफी मददगार साबित होगा।
🔼संस्थागत प्रसव को मिलेगा बढ़ावा-
सिविल सर्जन डा. अवधेश कुमार ने बताया मातृ मृत्यु दर कम होने से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलेगा। हलांकि कोरोना काल एवं इसके बाद लोगों में संस्थागत प्रसव के प्रति काफी जागरूता आयी है। जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं द्वारा प्रसव पूर्व एवं पश्चात सुविधाओं का लाभ लिया जा रहा है।
रिपोर्ट : डेस्क दैनिक आजतक।
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सी.के.झा
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