मधेपुरा। खाड़ा में शक्ति पीठ के रुप में ख्याति प्राप्त दुर्गा मंदिर में पंच देवता का हुआ मूर्ति स्थापना,श्रद्धालुओं ने जाहिर की खुशी
न्यूज डेस्क।
मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज प्रखण्ड के खाड़ा पंचायत का दूर्गा मंदिर शक्ति पीठ के रुप में ख्याति प्राप्त दुर्गा मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि अध्यात्मिक महत्व को भी दर्शाता है। इस मंदिर में 51 ब्राह्मण कन्याओं द्वारा 8 बजे सुबह चैत्र शुक्ल पक्ष सप्तमी (12 अप्रैल 2019) को पंच देवता की मूर्ति स्थापित की गई।
बताते चलें कि यहां सदियों से पारंपरिक तरीके से दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाया जाता रहा है। पूजा के दौरान दूर्गा देवी की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाती रही है। यहां मॉ चैती दूर्गा का भी भव्य प्रतिमा स्थापित कर पूजा का आयोजन किया जाता रहा है । मंदिर कमिटी व ग्रामीणों और प्रशासन के सहयोग से मेले का भी आयोजन खाड़ा बाजार में किया जाता रहा है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2019 जनवरी माह से ही डा. निर्मल कुमार झा की अध्यक्षता में वर्तमान मुखिया ध्रुव कुमार ठाकुर, गोपाल ठाकुर, चंदन कुमार झा,संजीव कश्यप, मोहनानंद झा, अवधेश कुमार झा, राना झा, चंद्रानंद झा सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने दूर्गा मंदिर में स्थाई प्रतिमा (संगमरमर से बनाई गई प्रतिमा) स्थापित करने को लेकर आपसी बैठक कर प्रस्ताव पर मुहर लगाई।
सभी के साथ डा. निर्मल कुमार झा ने ग्रामीण श्रद्धालुओं से मिलकर सहयोग लेने पर मुहर लगाई। मिली जानकारी से दुर्गा मंदिर को जमीन खाड़ा के जमींदार स्व. हृदयनारायण झा ने ही दान में दी थी। इस मंदिर में संगमरमर की प्रतिमा खरीदने तथा स्थापना को लेकर योजना बनाई गई । जिसमें सर्वसम्मति से राजस्थान से पंच देवता की मूर्ति खरीदने पर सहमति बनी। लाखों की पंच देवता की मूर्ति में दूर्गा,लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिक, गणेश की मूर्ति खरीद कर स्थापना पर विचार किया गया और तिथि 12 अप्रैल को तय किया गया ।
इसी को लेकर 51 ब्राह्मण कन्याओं द्वारा 8 बजे सुबह चैत्र शुक्ल पक्ष सप्तमी 12 अप्रैल को कलश यात्रा निकाली गई जो पूरे गांव में भ्रमण कर दूर्गा स्थान पहूंची।
बताया जा रहा है कि 10 वर्ष से नीचे की उम्र की 51 ब्राह्मण कुंवारी कन्याओं का विधि-विधान से पूजा अर्चना कर डा. निर्मल कुमार झा और श्रीमति निर्मल झा सहित दर्जनों श्रद्धालुओं ने खीर भोजन कराकर, नव वस्त्र से आच्छादित किया और लोटा-थाली व दान- दक्षिणा के साथ प्रणाम करते हुए इनका विदाई भी किया। प्रतिमा स्थापना 11 महान पंडितों के विधि-विधान तथा वेद मंत्रोंच्चारण के साथ पूजा कर किया गया। जिसमें पंडित मोहनानंद झा, पंडित योगेन्द्र झा सहित सभी पंडितों के द्वारा पूजा अर्चना के बाद मूर्ति स्थापित की गई। स्थापना के दूसरे दिन मैया जागरण कार्यक्रम रखा गया जो अपने आप में मिशाल कायम कर दिया। मिली जानकारी से डाक्टर निर्मल कुमार झा का इस प्रतिमा स्थापना में शारीरिक, मानसिक और आर्थिक सहयोग बेहद श्रद्धायुक्त देखने को मिला।
गोपाल ठाकुर बताते हैं कि प्रतिमा की सुरक्षा के लिए लोहे के जलाला बना गिरिल से इसे अंदर से भी सुरक्षित कर दिया गया है जो बेहद जरूरी था। उन्होंने कहा कि इस स्थापना से खाड़ा गांव ही नहीं वरण इस क्षेत्र की गरिमा बढ़ गई है जो श्रद्धालुओं के लिए मनमोहक बन गया।
आध्यात्म एवं प्राचीन संस्कृत भाषा अध्ययन का केन्द्र खाड़ा की स्वर्णिम छटा बिखेर रही खाड़ा स्थित दुर्गा मंदिर के बारे में ग्रामीणों द्वारा कहा जाता है कि करीब 125 वर्षों से भी अधिक समय से यहां मां दुर्गा की पूजा की जाती रही है। कहां जाता है कि 125 वर्ष पूर्व 18 वीं शताब्दी में मुखिया स्व० श्री हृदयनारायण झा के प्रयास से इनके निजी भूमी पर मां दुर्गा की पूजा शुरू की गयी थी। तब से यह पूजा परंपरागत तरीके से पीढ़ी दर पीढ़ी चलते आ रहा है। दसों दिन यहां पूजा -पाठ पंडितों द्वारा विधि विधान से होता रहा है ।
गांव के आस-पास के सैकड़ों भक्तजन व श्रद्धालू यहां पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ मेला भी देखने आते हैं । मेला प्रशासन,कमिटी व ग्रामीणों के सहयोग से सही तरीके से निष्पादित किया जाता रहा है । यहां सभी समुदाय के लोग आपस में मिलकर मेला को सफल बनाते हैं । प्रतिदिन सुबह-शाम पंडितों द्वारा दूर्गा पूजन व पाठ करवाया जाना सुमार है । प्रत्येक साल नवमी के दिन मां दुर्गा को बली चढाई जाती है। वर्षों से मंदिर में प्रत्येक दिन गार्मीणों के सहयोग से किर्तन-भजन का भव्य आयोजन होता रहा है ।
ग्रामीणों द्वारा बताया जाता है कि खाड़ा में सैंकड़ों वर्षो से खाड़ा के पूर्व मुखिया कामरेड कामेश्वर प्रसाद सिंह के नीजि घर में स्थित दुर्गा मंदिर में सभी लोगों द्वारा पूजा-अर्चना किया जाता था। जिससे अलग होकर यह सार्वजनिक मंदिर के रुप में स्थापित कर पूजा-पाठ खाड़ा बाजार में मंदिर स्थापित कर अलग किया जाने लगा। आज इस दुर्गा मंदिर की स्थापना खाड़ा बाजार में होने के कारण बाजार की रौनक व छटा बिखेरती नजर आती है । इस अवसर पर बाजार के व्यवसाय में चार चॉद लग जाता है । खाडा़ बाजार भी सदियों पुराना है यहां सप्ताह में दो दिन रविवार व गुरूवार के दिन बृहद बाजार लगता है । जिससे आस-पास के छोटे-बड़े सभी व्यवसायियों का जीविका भी चलता ह़ै। खाडा़ बाजार लगभग 6 से 12 किलोमीटर के अंदर अपने आप में एक अच्छा बाजार है । पूजा के मौके पर खाड़ा के सारे ग्रामीण जनता एक होकर पूजा का आनंद लेते हैं।
मुखिया ध्रुव कुमार ठाकुर, ग्रामीण कार्यकर्ता गोपाल ठाकुर, शशिधर झा,शिवधर झा, तालेश्वर झा,सुमन झा, मोहनानंद झा,अभिनंदन झा ,गोपालचन्द्र झा,बद्री केशरी,श्रीनंदन पासवान, सरपंच प्रतिनिधि बिनोद मंडल, हंसराज झा सहित सभी जाति व समुदाय के लोग इस कार्यक्रम को मिलकर सफल बनाने हेतू दिन-रात एक कर दिए। इस प्रतिमा स्थापना के अवसर पर यज्ञ के लिए यज्ञ मंडप भी बनाया गया। यज्ञ मंडप बनाने से लेकर यज्ञ को सफल बनाने तक युवाओं की अहम भूमिका देखने को मिला।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से दीपक कुमार ठाकुर, निरंजन झा,सोनू झा,गौतम कुमार झा,मोनू कुमार झा, सुमित कुमार झा,चंद्रानंद झा,आदित्य कुमार झा सहित दर्जनों युवाओं ने दिन-रात एक कर मेहनत कर इसे सफल बनाया।
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सी.के.झा
प्रधान संपादक
दैनिक आजतक